आयुर्वेद दुनिया की सबसे पुरानी औषधीय प्रणाली है - जिसका उपयोग आज भी दुनिया में एक अलग नाम से किया जाता है।

 जब से इस ब्रम्हांड की उत्पत्ति हुए है उसके पहले से ही आयुर्वेदा था और आज भी है और हमेसा रहेगा, आयुर्वेदा का कोई अंत नहीं है | समय - समय पे महान पवित्र लोगो के द्वारा इसमें सुधार होते गए है, और इसे भाषा विज्ञान व् चिकित्सा विज्ञान पर आधारित प्रामाणिक शोध ग्रंथ के रूप में मानवीयता को सरल और प्रभावी बनाने के लिए जनमानस के बिच लाया गया है | भारतीय चिकित्सा पद्धति लोगो की सेवा व् मानवता को बेहतर बनाने के लिए काम करती है | भारतीय ज्ञान पद्धति में यह भी उल्लेख है की कुछ ज्ञान को दूसरे व्यक्ति के पास गोपनीय अवस्था में पहोचाया जाता था और आज भो होता है वे कभी अपने कार्य का श्रेय नहीं लेते है | 

इस तरह से पुरे पृथ्वी व् अन्य ग्रह पर जहा भी मनुष्य व् जीव है उनके बिच इस ज्ञान को पहोचाया गया है और उन्हें वहा  के भौतिक व् प्राकृतिक वातावरण के आधार पे ज्ञान दिया गया, पहले यह मौखिक व् कुछ लेखन, सांकेतिक भाषा के माध्यम से किया जाता था | आज भी दुनिया के हर कोने में भारीतय विद्वान मौजूद है, जो बिना किसी श्रेय के गोपनीय रूप से काम कर रहे है|  उनका उद्देश्य है समय- समय पर मानवता व  पृथ्वी को संतुलित करना , जो आज भी प्रत्येक व्यक्ति व् भारतीय अनुभव कर सकता है | 

दुनिया के सभी भाषा, संस्कृति, सभ्यता, ज्ञान, विज्ञान, चिकित्सा व् धर्म सभी का स्रोत भारत ही है | दुनिया में आज जो घट रहा है या घटने वाला है भारत में आज उन सभी के साक्ष्य प्रामाणिक रूप से मौजूद है | भारत के सर्वश्रेष्ट धरोहर को लोगो ने चुराया है और उन्हें अपने देश का नाम दे दिया है | 

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